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परमाणु एवं अणु:
Class 9 Science Chapter 3. परमाणु एवं अणु
पाठ्यपुस्तक | NCERT |
कक्षा | कक्षा 9 |
विषय | विज्ञान |
अध्याय | अध्याय 3 |
प्रकरण | परमाणु एवं अणु |
रासायनिक संयोजन के नियम:
किन्हीं दो या उससे अधिक पदार्थों के बीच रासायनिक अभिक्रिया कुछ सिद्धांतों पर आधारित होती है। इन सिद्धांतों को रासायनिक संयोजन के नियम कहते हैं।
![रासायनिक संयोजन के नियम - परमाणु एवं अणु:](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/रासायनिक-संयोजन-के-नियम.jpg)
द्रव्यमान संरक्षण के नियम:
▪इस नियम के अनुसार “द्रव्यमान का उदय या विनाश संभव नहीं है।”
▪किसी रासायनिक अभिक्रिया के लिए इस नियम का उपयोग निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है।
▪किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान पदार्थों के द्रव्यमान का जोड़ उस अभिक्रिया के उत्पादों के द्रव्यमानों के जोड़ के बराबर होगा।
उदाहरण –
![परमाणु एवं अणु:](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/द्रव्यमान-संरक्षण-के-नियम.jpg)
प्रश्न – एक अभिक्रिया में 5.3 ग्राम सोडियम कार्बोनेट एवं 6.0 ग्राम एथेनोइक अम्ल अभिक्रित होते हैं। 2.2 ग्राम कार्बन-डाइऑक्साइड, 8.2 ग्राम सोडियम एथेनोएट एवं 0.9 ग्राम जल उत्पाद के रूप में प्राप्त होते हैं। इस अभिक्रिया द्वारा दिखाइए कि यह परीक्षण द्रव्यमान संरक्षण के नियम को सिद्ध करता है।
उत्तर –
![](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/रासायनिक-संयोजन-के-नियम5.jpg)
![](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/रासायनिक-संयोजन-के-नियम4-1.jpg)
द्रव्यमान संरक्षण के नियमानुसार
सोडियम कार्बोनेट का द्रव्यमान + एथेनोइक अम्ल द्रव्यमान = सोडियम एथेनोएट का द्रव्यमान + कार्बन डाइऑक्साइड का द्रव्यमान + जल का द्रव्यमान
द्रव्यमानों को समीकरण में प्रस्तुत करने के उपरांत
5.3 ग्राम + 650 ग्राम = 8.2 ग्राम + 2.2 ग्राम + 0.9 ग्राम
![](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/रासायनिक-संयोजन-के-नियम6-1.jpg)
यह उत्तर द्रव्यमान संरक्षण के नियम को स्पष्ट करता है।
स्थिर अनुपात का नियम:
इस नियमानुसार कोई शुद्ध रासायनिक यौगिक सदैव उन्हीं तत्वों से निर्मित होगा जिनसे वह मिलकर निर्मित हुआ है, तथा इन तत्वों के द्रव्यमान का अनुपात सदैव समान होगा, फिर चाहे यह यौगिक किसी भी स्थान से प्राप्त किया गया हो अथवा निर्माण किसी भी पद्धति द्वारा किया गया हो।
उदाहरण
18 g H2O=> 16 g ऑक्सीजन + 02 g हाइड्रोजन, या mH / mO = 2/16 = 1/8
36 g H2O => 32 g ऑक्सीजन + 04 g हाइड्रोजन, या mH / mO = 4/32 = 1/8
09 g H2O => 08 g ऑक्सीजन + 01 g हाइड्रोजन, या mH / mO = 1/8
☛ऊपर प्रस्तुत उदाहरण में H2O के अलग-अलग द्रव्यमानों वाले H2O के नमूनों को लिया गया, पर उन सब में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के द्रव्यमान ओं का अनुपात सदा 1:8 ही निकला।
प्रश्न – यदि हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन 1:8 के द्रव्यमान अनुपातानुसार अभिक्रित होकर जल का संचयन करते हैं । यदि जहां 3 ग्राम हाइड्रोजन गैस ली गई हो तब ऑक्सीजन का कितना द्रव्यमान इस हाइड्रोजन गैस से अभिक्रित हो जल का संचयन करेगा?
उत्तर –
![](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/स्थिर-अनुपात-का-नियम-.jpg)
या 24 ग्राम ऑक्सीजन गैस 3 ग्राम हाइड्रोजन गैस के अभिक्रित हो 27 ग्राम जल का संचयन करेगी ।
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत:
रासायनिक संयोजन के नियम पर आधारित डाल्टन के परमाणु सिद्धांत, द्रव्यमान संरक्षण का नियम तथा स्थिर अनुपात के नियम को सिद्ध करता है ।
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के महत्वपूर्ण अंश
▪सभी द्रव्य परमाणुओं से निर्मित होते हैं।
▪परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में ना तो उत्पन्न होते हैं ना ही उनका इसमें विनाश होता है। (यह अंश द्रव्यमान संरक्षण के नियम को सिद्ध करता है)
▪दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं।
▪भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न भिन्न होते हैं।
▪भिन्न भिन्न तत्वों परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में सहयोग कर यौगिक का निर्माण करते हैं। (यह अंश स्थिर अनुपात के नियम को सिद्ध करता है)
▪किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एक प्रकार निश्चित होती है।
परमाणु:
▪आधुनिक परमाणु सिद्धांत के अनुसार “परमाणु किसी भी तत्वों का वह सूक्ष्मतम भाग है जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में बिना अपने रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों को बदलें, उस अभिक्रिया में प्रयुक्त होता है।”
▪परमाणु तत्व के सूक्ष्मतम भाग है जिन्हें किसी भी शक्तिशाली सूक्ष्मदर्शी से भी देखा नहीं जा सकता।
▪सबसे सूक्ष्म हाइड्रोजन परमाणु की परमाणु त्रिज्या 0.37 x 10-10 या 0.037 nm होती है।
जहां 1 nm = 10-10 m
IUPAC (International Union of Pure and Applied Chemistry) द्वारा स्वीकृत तत्वों के चिन्ह –
![स्वीकृत तत्वों के चिन्ह - परमाणु एवं अणु:](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/स्वीकृत-तत्वों-के-चिन्ह.jpg)
☛किसी भी तत्व के एक परमाणु का द्रव्यमान, उसका “परमाणु द्रव्यमान” कहलाता है।
☛1961 वर्ष में IUPAC ने “परमाणु द्रव्यमान की इकाई” या “u” को परमाणुओं के द्रव्यमान का मापक माना।
परमाणु द्रव्यमान की इकाई
एक परमाणु द्रव्यमान की इकाई का द्रव्यमान एक C12 समस्थानिक के 1/12 वें हिस्से के द्रव्यमान के बराबर होता है।
![परमाणु द्रव्यमान की इकाई - परमाणु एवं अणु:](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/परमाणु-द्रव्यमान-की-इकाई-.jpg)
इसी तरह से –
![परमाणु एवं अणु:](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/परमाणु-द्रव्यमान-की-इकाई-1-1.jpg)
परमाणु किस प्रकार अस्तित्व में रहते हैं
ज्यादातर तत्वों के परमाणु अत्यधिक अभिक्रियाशील होने के कारण कभी भी मुक्त अवस्था में नहीं पाए जाते।
केवल निष्क्रिय गैसों के परमाणु ही मुक्त अवस्था में पाए जाते हैं।
उदाहरण – He, Ne, Ar, Kr, Xe, Rn
☛निष्क्रिय गैसों के परमाणुओं को छोड़ अन्य ज्यादातर तत्वों के परमाणु या तो अणुओं का निर्माण करते हैं या फिर आयन के रूप में पाए जाते है।
![](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/परमाणु-.jpg)
अणु :
▪किसी अणु का निर्माण दो या उससे अधिक परमाणुओं के बीच रासायनिक बंधन उत्पन्न होने के कारण होता है।
▪अणु तत्वों को छोड़ किसी भी पदार्थ की वह सूक्ष्मतम इकाई है, जो स्वतंत्र रूप से रह सकता है और यह उस पदार्थ के सारे गुणधर्मों को प्रदर्शित कर सकता है। जैसे कि H2O अणु जल की संपूर्ण गुणधर्मों को प्रदर्शित कर सकता है।
▪किसी भी अणु का निर्माण एक ही तरह के परमाणु या भिन्न भिन्न प्रकार के परमाणुओं के बीच रासायनिक बंधन होने के कारणवश हो सकता है।
▪इसी आधार पर अणुओं को दो भागों में बांटा जा सकता है।
![अणु - परमाणु एवं अणु:](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/अणु-.jpg)
परमाणुकता
किसी एक अन्य उपस्थित परमाणुओं की संख्या को परमाणुकता कहते हैं।
![परमाणुकता - परमाणु एवं अणु:](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/परमाणुकता-.jpg)
नोट-निष्क्रिय गैसें एक परमाणुक अणुओं का निर्माण करती है।
रासायनिक सूत्र
किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसके संघटक का प्रतीकात्मक निरूपण होता है।
रासायनिक सूत्र की विशेषताएं:
▪रासायनिक सूत्र के संघटकों की संयोजकताएँ या आवेश बराबर होने चाहिए।
▪धातु एवं अधातु के यौगिक की रासायनिक सूत्र की संरचना में धातु को पहले लिखा जाता है तथा अधातु को उसके बाद।
उदाहरण CaO, NaCl, CuO
▪बहुप्रमाण्विक आयन के रासायनिक सूत्र में आने की स्थिति में, इस आयन को ब्रेकिट में रखा जाता है फिर संयोजक अथवा आवेश ब्रेकिट को नीचे लगाते हैं उदाहरण – Ca(OH)2, (NH4)2 SO4
आणविक द्रव्यमान
▪किसी भी एक अणु के उपस्थित परमाणुओं के द्रव्यमानों के जोड़ को आणविक द्रव्यमान कहा जाता है। परमाणु द्रव्यमान की भर्ती इसका मात्रक भी परमाणु की द्रव्यमान इकाई ही होता है।
उदाहरण – H2O का द्रव्यमान = 2 x 4 का द्रव्यमान + 1 x 0 का द्रव्यमान
H2O का द्रव्यमान = (2 x 1) + (1 x 16) = 18u जहां H = 1, O = 16
सूत्र इकाई द्रव्यमान
▪किसी पदार्थ का सूत्र इकाई द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणुओं के द्रव्यमानों का योग होता है।
▪सूत्र द्रव्यमान एवं आणविक द्रव्यमान में केवल अंतर यही है कि यहां पर हम उस पदार्थ के सूत्र इकाई द्रव्यमान का उपयोग करते हैं, जिसके संघटक आयन होते हैं।
उदाहरण –
NaCl का द्रव्यमान = (1 x Na का द्रव्यमान) + (1 x Cl का द्रव्यमान)
NaCl का द्रव्यमान = 1 x 23 + 1 x 35.5
NaCl का द्रव्यमान = 58.5u
रासायनिक सूत्र लिखने के नियम –
नियम – 1
▪सबसे पहले तत्वों के परमाणुओं के चिन्हों को लिखा जाता है।
▪अब इन चिन्हों के नीचे इनकी संयोजकताओं को लिखा जाता है।
▪अब संयोजित परमाणुओं की संयोजकताओं को क्रॉस करते हैं।
▪परिणामस्वरूप पहला परमाणु दूसरे परमाणु की संयोजकता ग्रहण करता है तथा दूसरा परमाणु पहले वाले परमाणु की संयोजकता को ग्रहण करता है।
▪संयोजकताओं को क्रॉस करके रासायनिक सूत्र तैयार हो जाता है।
नियम – 2
▪जब संयोजकता होती है तो अघोलिखित नहीं होता।
नियम – 3
▪जब बहु परमाणुक आयन अधिक संख्या में होते हैं तो उस बहु परमाणुक आयन को कोष्टक में लिखकर प्रदर्शित करते है ताकि बहु परमाणुक आयन अघोलिखित अंक के साथ न मिल जाए।
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आयन
आयन, एक परमाणु या परमाणुओं का समूह होता है जिस पर कुछ आवेश (धनात्मक या ऋणात्मक) अवश्य उपस्थित रहता है।
धनावेशित आयन – Na+, K+, Ca2+, Al3+
ऋणावेशित आयन – Cl–, S2-, OH–, SO42-
![](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/आयन-1.jpg)
आयनिक यौगिकों के रासायनिक सूत्र (यौगिक आयन)
![](https://www.seemanchalacademy.com/wp-content/uploads/2023/03/आयनिक-यौगिकों-के-रासायनिक-सूत्र-यौगिक-आयन.png)
मोलर द्रव्यमान – मोलर द्रव्यमान किसी भी पदार्थ के एक मोल कणों के द्रव्यमान का जोड़ होता है।
यानी, मोलर द्रव्यमान = एक मोल पदार्थ कणों का द्रव्यमान
या, मोलर द्रव्यमान = 6.022 x 1023 पदार्थ कणों का द्रव्यमान
उदाहरण –
▪हाइड्रोजन का परमाणु द्रव्यमान “1 u” है जबकि इसका मोलर द्रव्यमान 1 gm/mol होता है।
▪नाइट्रोजन का परमाणु द्रव्यमान ‘14u’ है जबकि इसका मोलर द्रव्यमान 14 g/mol होता है।
▪S8 का मोलर द्रव्यमान = 8 x ‘S’ का द्रव्यमान = 8 x 32 = 256 gm/mol
▪HCl का मोलर द्रव्यमान = H का मोलर द्रव्यमान + Cl का मोलर द्रव्यमान = 1 + 35.5 = 36.5 gm/mol
मोल संकल्पना – मोल, 6.022 x 1023 कणों (परमाणु, अणु या आयन) का समूह है। 1 मोल परमाणु = 6.022 x 1023 परमाणु